स्टार्टअप इंडिया Startup India Rules in hindi

स्टार्टअप इंडिया नियम / Startup India Rules in hindi

स्टार्टअप इंडिया अभियान, भारत सरकार द्वारा 16 जनवरी 2016 को शुरू किया गया एक महत्वपूर्ण पहल है। इसका मुख्य उद्देश्य भारत में स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देना, नवाचार और उद्यमिता को प्रोत्साहित करना और युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करना है। यह अभियान भारत को एक मजबूत स्टार्टअप राष्ट्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

स्टार्टअप इंडिया अभियान के अंतर्गत, सरकार ने स्टार्टअप्स के लिए कई तरह के लाभ और सुविधाएं प्रदान की हैं, जिनमें कर छूट, वित्तीय सहायता, सरलीकृत अनुपालन, और बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) में सहायता शामिल हैं।

स्टार्टअप इंडिया के मुख्य उद्देश्य:

  • सरलीकरण और सहायता:
    • स्टार्टअप्स के लिए प्रक्रियाओं को सरल बनाना और उन्हें विभिन्न सरकारी विभागों से सहायता प्रदान करना।
  • वित्तीय सहायता:
    • स्टार्टअप्स को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए फंड ऑफ फंड्स और अन्य योजनाओं के माध्यम से पूंजी उपलब्ध कराना।
  • बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) संरक्षण:
    • स्टार्टअप्स को उनके नवाचारों और बौद्धिक संपदा की रक्षा के लिए आईपीआर पंजीकरण में सहायता प्रदान करना।
  • इनक्यूबेशन और मेंटरशिप:
    • स्टार्टअप्स को इनक्यूबेशन और मेंटरशिप कार्यक्रमों के माध्यम से मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करना।
  • सरकारी खरीद में प्राथमिकता:
    • सरकारी खरीद में स्टार्टअप्स को प्राथमिकता देना, ताकि उन्हें अपने उत्पादों और सेवाओं को बेचने के अवसर मिल सकें।

स्टार्टअप इंडिया के लाभ:

  • कर छूट:
    • मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स को तीन साल तक कर में छूट मिलती है।
  • वित्तीय सहायता:
    • स्टार्टअप्स को फंड ऑफ फंड्स और अन्य योजनाओं के माध्यम से वित्तीय सहायता मिलती है।
  • सरलीकृत अनुपालन:
    • स्टार्टअप्स के लिए अनुपालन प्रक्रियाओं को सरल बनाया गया है।
  • बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) में सहायता:
    • स्टार्टअप्स को आईपीआर पंजीकरण में तेजी लाने और लागत कम करने में सहायता मिलती है।
  • इनक्यूबेशन और मेंटरशिप:
    • स्टार्टअप्स को इनक्यूबेशन और मेंटरशिप कार्यक्रमों के माध्यम से मार्गदर्शन और सहायता मिलती है।
  • सरकारी खरीद में प्राथमिकता:
    • सरकारी निविदाओं में स्टार्टअप्स को प्राथमिकता मिलती है।

स्टार्टअप इंडिया के लिए पात्रता मानदंड:

  • कंपनी को प्राइवेट लिमिटेड कंपनी, पार्टनरशिप फर्म या लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप (एलएलपी) के रूप में पंजीकृत होना चाहिए।
  • कंपनी की स्थापना 10 साल से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए।
  • कंपनी का वार्षिक कारोबार 100 करोड़ रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए।
  • कंपनी को नवाचार, विकास, या नए उत्पादों, सेवाओं या प्रक्रियाओं के व्यावसायीकरण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

स्टार्टअप इंडिया अभियान ने भारत में स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस अभियान ने युवाओं को उद्यमिता के लिए प्रोत्साहित किया है और भारत को एक मजबूत स्टार्टअप राष्ट्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

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