क्या प्रेम विवाह में दहेज की प्रथा लागू होती है? Prem Vivah Dahej Pratha Lagu
क्या प्रेम विवाह में दहेज की प्रथा लागू होती है?
Prem Vivah Mein Dahej Ki Pratha Lagu Hoti Hai?
दहेज की प्रथा भारतीय समाज में एक गहरी जड़ पकड़ चुकी परंपरा है, जो विवाह के दौरान लड़की के परिवार द्वारा लड़के के परिवार को दिए जाने वाले धन, संपत्ति और उपहारों से संबंधित है। हालांकि यह प्रथा कानूनन अपराध है और समाज में इसके खिलाफ आवाज उठाई जा रही है, फिर भी यह कुछ जगहों पर जारी है। अब सवाल यह है कि क्या प्रेम विवाह में भी दहेज की प्रथा लागू होती है?
1. प्रेम विवाह में दहेज की अवधारणा (The Concept of Dowry in Love Marriage)
प्रेम विवाह में दो लोग अपनी इच्छा से विवाह करते हैं और आमतौर पर उनके विवाह की प्रक्रिया पारंपरिक विवाहों से अलग होती है। इसमें मुख्य ध्यान दोनों पार्टनर्स की पसंद और सहमति पर होता है। हालांकि, प्रेम विवाह में दहेज की प्रथा को समाप्त करने का कोई खास कारण नहीं होता, क्योंकि यह प्रथा समाज के कुछ हिस्सों में अभी भी मौजूद है।
- सामाजिक दबाव: समाज में कई परिवारों में दहेज की परंपरा अब भी जीवित है, चाहे वह प्रेम विवाह हो या पारंपरिक विवाह। ऐसे में, प्रेम विवाह के दौरान भी दहेज की मांग हो सकती है, खासकर जब एक परिवार में यह परंपरा गहरे से स्थापित हो।
- लड़के के परिवार की अपेक्षाएँ: कुछ मामलों में, लड़के के परिवार वाले प्रेम विवाह के बावजूद दहेज की उम्मीद कर सकते हैं, क्योंकि यह एक सामान्य सामाजिक परंपरा बन चुकी है, जिसे वे विवाह में अनिवार्य मानते हैं।
2. प्रेम विवाह में दहेज के खिलाफ सोच (Anti-Dowry Thinking in Love Marriage)
प्रेम विवाह करने वाले लोग आमतौर पर समाज की पारंपरिक धारा से अलग होते हैं और उनके विवाह की प्रेरणा भी स्वतंत्रता और समानता से आती है। इस प्रकार, प्रेम विवाह करने वाले अधिकांश जोड़े दहेज की प्रथा के खिलाफ होते हैं और इसे समाप्त करने की कोशिश करते हैं।
- समानता और स्वतंत्रता: प्रेम विवाह में दोनों पार्टनर्स एक-दूसरे से समानता और स्वतंत्रता की भावना से जुड़े होते हैं, इसलिए दहेज की प्रथा का पालन करना उनके लिए अनावश्यक और अस्वीकार्य हो सकता है।
- लड़की का परिवार: यदि लड़की के परिवार ने उसे स्वतंत्र रूप से अपने पसंदीदा व्यक्ति से विवाह करने की अनुमति दी है, तो वे भी दहेज देने के विचार से बच सकते हैं, क्योंकि उनके लिए यह परंपरा ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं होती।
3. समाज में दहेज की स्वीकार्यता (Social Acceptance of Dowry)
यद्यपि प्रेम विवाह में दहेज की प्रथा का पालन करना आमतौर पर कम होता है, फिर भी समाज में कुछ जगहों पर दहेज की स्वीकृति बनी रहती है।
- परिवारों के बीच दबाव: कभी-कभी, प्रेम विवाह में दोनों पार्टनर्स के परिवारों के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए दहेज की मांग की जाती है। यहां तक कि प्रेम विवाह के बावजूद, अगर परिवारों के बीच समझौते की आवश्यकता होती है, तो दहेज की उम्मीद हो सकती है।
- प्रथाओं और परंपराओं का दबाव: कई परिवारों में दहेज की परंपरा इतनी गहरी होती है कि प्रेम विवाह के बाद भी परिवारों से इस प्रकार की अपेक्षाएँ उत्पन्न हो सकती हैं। यह विशेषकर उन परिवारों में होता है, जो ग्रामीण या छोटे शहरों में रहते हैं, जहां परंपराओं का पालन अधिक कठोरता से किया जाता है।
4. कानूनी दृष्टिकोण (Legal Perspective)
भारत में दहेज प्रथा को दहेज निषेध अधिनियम (1961) द्वारा अवैध घोषित किया गया है। इसके तहत दहेज के लिए किसी भी प्रकार का लेन-देन करना कानूनी अपराध है।
- दहेज लेने या देने की सजा: दहेज लेने या देने के मामले में कड़ी सजा का प्रावधान है। यह कानून सभी प्रकार के विवाहों पर लागू होता है, चाहे वह प्रेम विवाह हो या पारंपरिक विवाह।
- प्रेम विवाह के बावजूद दहेज की मांग: हालांकि कानून इस पर रोक लगाता है, फिर भी कुछ परिवारों में परंपराओं के कारण दहेज की मांग की जाती है। प्रेम विवाह के बाद भी यदि यह समस्या उत्पन्न होती है, तो इसे कानून के माध्यम से हल किया जा सकता है।
5. प्रेम विवाह में दहेज की परंपरा को समाप्त करने के प्रयास (Efforts to End Dowry Tradition in Love Marriage)
प्रेम विवाह के माध्यम से दहेज की परंपरा को खत्म करने के लिए कई पहल की जा रही हैं।
- सार्वजनिक जागरूकता: कई प्रेम विवाह करने वाले जोड़े समाज में दहेज के खिलाफ जागरूकता फैलाने का प्रयास करते हैं और अपने उदाहरण से दूसरों को प्रेरित करते हैं कि दहेज की परंपरा को त्यागा जाए।
- शादी में दहेज का विरोध: कुछ लोग प्रेम विवाह के दौरान यह सुनिश्चित करते हैं कि कोई दहेज नहीं लिया जाए, और इस परंपरा को न मानने का संकल्प लेते हैं।
निष्कर्ष (Conclusion)
प्रेम विवाह में दहेज की प्रथा लागू होने या न होने का प्रश्न परिवार और समाज की सोच पर निर्भर करता है। जबकि प्रेम विवाह में आमतौर पर यह प्रथा कम देखने को मिलती है, फिर भी कुछ मामलों में समाज या परिवार के दबाव के कारण दहेज की उम्मीद हो सकती है। प्रेम विवाह करने वाले जोड़ों को इस परंपरा के खिलाफ खड़ा होना चाहिए और अपने विवाह को सच्चे प्रेम और समानता पर आधारित रखना चाहिए।
सुझाव (Suggestions):
- प्रेम विवाह करने वाले जोड़े दहेज की परंपरा को समाप्त करने के लिए अपने परिवारों से स्पष्ट रूप से बात करें।
- समाज में दहेज के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए उदाहरण प्रस्तुत करें।
- कानून का पालन करें और यदि दहेज की मांग की जाए तो कानूनी रास्ते अपनाएँ।
क्या आपके विचार में प्रेम विवाह में दहेज की प्रथा को पूरी तरह खत्म किया जा सकता है? अपने विचार हमारे साथ साझा करें!
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