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देवर-भाभी का प्यार शायरी - Devar-Bhabhi Ka Pyaar Shayari

देवर-भाभी का प्यार शायरी - Devar-Bhabhi Ka Pyaar Shayari

देवर-भाभी का रिश्ता एक ऐसा अनमोल बंधन है जो प्यार, स्नेह और सम्मान से भरा होता है। यह रिश्ते में कभी हंसी-ठिठोली, कभी नोकझोंक, तो कभी एक दूसरे का साथ और सहारा होता है। देवर अपनी भाभी को बहन और माँ समान मानता है, जबकि भाभी अपने देवर को स्नेह और मार्गदर्शन देती है। यह रिश्ता न केवल परिवार को जोड़ता है, बल्कि उसमें मिठास और खुशियाँ भी भरता है। देवर-भाभी का प्यार अपने आप में एक अनूठा और बेहद प्यारा रिश्ता होता है, जो हर परिवार के लिए एक विशेष बंधन बन जाता है।

1. हंसी-ठिठोली का रिश्ता
देवर-भाभी का रिश्ता है सबसे प्यारा,
जिसमें छुपा है हंसी-ठिठोली का सहारा।
हर पल में होती है मीठी नोकझोंक,
इनके रिश्ते में बसी है अनोखी मस्ती और झलक।


2. भाभी का स्नेह
भाभी के बिना घर अधूरा लगता है,
देवर के हर दर्द को वह समझ लेती है।
माँ जैसा प्यार और बहन सी डाँट,
भाभी है रिश्तों का सबसे खूबसूरत पाठ।


3. देवर का सम्मान
देवर भी भाभी को माँ समान मानता है,
हर खुशी में उनका हिस्सा बांटता है।
उनकी हंसी के लिए सब कुछ कर जाए,
देवर-भाभी का प्यार हर रिश्ते से ऊपर कहलाए।


4. रिश्ते की मिठास
तकरार में भी छुपा होता है सच्चा अपनापन,
देवर-भाभी के रिश्ते में दिखता है संगम।
कभी बहन, कभी दोस्त बनकर निभाते हैं साथ,
इनके रिश्ते की मिठास से सजता है घर का हर कोना।


5. प्यार का बंधन
न कभी खून का रिश्ता, न कोई स्वार्थ,
फिर भी भाभी-देवर का रिश्ता है खास।
जिंदगी के हर मोड़ पर सच्चाई का साथ,
देवर-भाभी का रिश्ता है दिलों का मेल।


निष्कर्ष:
देवर और भाभी का रिश्ता घर की रौनक है। यह रिश्ता प्यार, सम्मान और मिठास से भरा हुआ होता है, जो हर परिवार को खुशियों से भर देता है।

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