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स्कूल की प्रेम कहानी: "पहली मुलाकात"

स्कूल की प्रेम कहानी: "पहली मुलाकात" School Love Story: "First Meeting"

यह कहानी है एक छोटे से गाँव के एक स्कूल की, जहाँ दो विद्यार्थियों की ज़िंदगी एक दूसरे से जुड़ी। कहानी के मुख्य पात्र हैं - रिया और आर्यन। रिया गाँव के सरकारी स्कूल में पढ़ाई करती थी, और उसकी मुस्कान में कुछ ऐसा था जो किसी का भी दिल छू लेता था। आर्यन, वही लड़का था, जो शहर से नए-नए गाँव में आया था। वह थोड़ा शर्मीला था, लेकिन उसकी आँखों में कुछ खास बात थी।

रिया और आर्यन की पहली मुलाकात तब हुई थी जब आर्यन ने स्कूल में दाखिला लिया था। रिया अपनी क्लास में सबसे आगे बैठती थी, क्योंकि उसे पढ़ाई में बहुत दिलचस्पी थी। एक दिन उसकी टीचर ने आर्यन को रिया के बगल वाली सीट पर बिठा दिया। आर्यन थोड़ा नर्वस था, क्योंकि यह नया स्कूल, नया शहर, और नए दोस्त उसे बहुत अजनबी लगे थे।

रिया ने जब आर्यन को देखा, तो उसने हल्के से मुस्कुरा कर उसे हेलो कहा। आर्यन ने भी शरमाते हुए सिर झुकाया और हल्की सी मुस्कान के साथ जवाब दिया। वह दिन था, जब दोनों की दोस्ती की शुरुआत हुई थी।

धीरे-धीरे आर्यन और रिया एक-दूसरे के अच्छे दोस्त बन गए। आर्यन को रिया की समझदारी और मेहनत बहुत पसंद आई, जबकि रिया को आर्यन का ईमानदार और शांत स्वभाव बहुत भाया। वे हमेशा एक-दूसरे से पढ़ाई के बारे में बात करते थे, और आर्यन रिया से गणित और साइंस के सवालों के जवाब पूछता था, क्योंकि उसे इन विषयों में दिक्कत आती थी। रिया उसे हमेशा मुस्कुरा कर मदद करती थी, और दोनों के बीच एक अजीब सी समझ बनी हुई थी।

लेकिन एक दिन, जब स्कूल में सालाना परीक्षा होने वाली थी, तो रिया ने आर्यन से कहा, "तुम ठीक से पढ़ाई करो, आर्यन, तुम्हें अपनी पूरी मेहनत से परीक्षा देनी चाहिए।" आर्यन ने किचन में जाकर मुस्कुराते हुए कहा, "तुमसे मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला है, रिया।"

लेकिन रिया की बातों से उसके मन में कुछ बदलने लगा था। वह अचानक से आर्यन को अपनी आँखों में ज्यादा देखने लगी थी। उसे समझ में नहीं आता था कि वह अचानक से इतना खास क्यों महसूस करने लगी। यह उसकी पहली स्कूल प्रेम कहानी थी, और उसका दिल आर्यन के लिए धीरे-धीरे धड़कने लगा था।

एक दिन, खेलकूद के दौरान जब सभी बच्चे मैदान में खेल रहे थे, रिया और आर्यन एक-दूसरे के पास खड़े थे। अचानक आर्यन ने रिया से पूछा, "तुम्हें कभी महसूस हुआ है कि तुम किसी से बहुत खास जुड़ी हुई हो?" रिया थोड़ी चौंकी, लेकिन उसने धीरे से कहा, "हाँ, कभी-कभी लगता है जैसे कोई मुझे समझता है।"

आर्यन ने थोड़ा मुस्कुराते हुए कहा, "मैं भी यही सोच रहा था, कि क्या तुम मेरी दोस्त बनोगी?" रिया का दिल एक पल के लिए रुक गया, लेकिन उसने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, "अगर तुम चाहते हो तो मैं तुम्हारी दोस्त बन सकती हूँ।"

रिया ने जैसे ही यह कहा, आर्यन का चेहरा खुशी से खिल गया। उन दोनों के बीच एक अनजाना सा रिश्ता बन गया था, जो धीरे-धीरे प्यार में बदलने लगा। वे अब न केवल अच्छे दोस्त थे, बल्कि एक दूसरे के लिए खास भी थे।

एक दिन स्कूल की किताबों में खोए हुए, आर्यन ने रिया से एक सवाल पूछा, "क्या तुमने कभी सोचा है कि हम जब बड़े हो जाएंगे, तो क्या हम एक-दूसरे के साथ रहेंगे?" रिया थोड़ी देर चुप रही, फिर उसने मुस्कुराते हुए कहा, "हम जब बड़े होंगे, तो हम दोनों अपने सपनों का पीछा करेंगे, लेकिन हमें एक दूसरे का साथ हमेशा याद रहेगा।"

यह कहानी एक मासूम स्कूल प्रेम की है, जहां न तो कोई जटिलताएँ थीं, न ही कोई बड़ी बातें। बस एक दूसरे का साथ था, जो हर दिन बढ़ता जा रहा था। रिया और आर्यन की दोस्ती ने उन्हें यह सिखाया कि प्यार सिर्फ शब्दों से नहीं, बल्कि विश्वास, समझदारी और छोटे-छोटे पलों से होता है।

समाप्त!

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